राजभाषा हिंदी भारत की एकता का सूत्रधार है : श्री बी.एन. शुक्ला, सीएमडी, एमसीएल
सम्बलपुर, दिनांक : 23.07.2019 : राजभाषा हिन्दी पुष्प माला के धागे की भॉंति भारत की विविधता को एक सूत्र में जोड़कर रखने में एक अहम भूमिका निभा रही है । महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड(एमसीएल) में आयोजित 62 वें बैठक की अध्यक्षता करते हुए एमसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री भोलानाथ शुक्ला ने हिन्दी को भारत की एकता का सूत्रधार बताते हुए कहा कि हिंदी एक भाषा नहीं अपितु एक विचार है, राष्ट्रीयता की भावाभिव्यक्ति का जरिया है जो हमें एकता के सूत्र में बांधकर रखता है।
ओडिशा के विभिन्न कोयला क्षेत्रों से मुख्यालय में आए राजभाषा नामित अधिकारियों, मुख्यालय के विभिन्न विभागों के अधिकारीगणों को सम्बोधित करते हुए सीएमडी ने वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय भाषा की महत्ता की अभिव्यंजना बड़े ही सरल व रोचक शब्दों में की एवं बताया कि किस प्रकार हमारे स्वतंत्रता संग्रामियों को भाषा की समस्या का सामना करना पड़ा था एवं उस कठिन दौर में किस तरह भाषा के विकल्प की मदद ली गई थी। चूँकि राजभाषा नीति का अनुपालन करना हमारा संवैधानिक एवं राष्ट्रीय दायित्व है अत: हम सभी को इस दायित्व का निर्वाह करना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा लेखन, टंकण, अनुवाद आदि के अत्याधुनिक तकनीकों के अधिकाधिक प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा हिंदी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं को भी समादर करते हुए उनमें उपलब्ध अच्छे शब्दों,रोचक व प्रेरक कहानियों को हिंदी में समाहित किया जाना चाहिए।
महाप्रबंधक(प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा) श्री कृष्णदेव प्रसाद ने अध्यक्ष महोदय एवं समस्त उपस्थित प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा राजभाषा नीति का अनुपालन करना हम सभी का कर्तव्य है। प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय एवं मुख्यालय के विभागों में राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3),हिंदी पत्राचार,हिंदी टिप्पण एवं राजभाषा नियम-5 का अनुपालन लक्ष्यानुरूप सुनिश्चित करना है।
बैठक में मुख्यालय स्थित महाप्रबंधक/ विभागाध्यक्ष/नामित राजभाषा अधिकारीगण एवं क्षेत्रों के क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक/मुख्य नामित राजभाषा अधिकारी/नामित राजभाषा अधिकारी/राजभाषा अनुवादक/सहायकगण बैठक में उपस्थित हुए। श्री बी.आर. साहु कलिहारी,सहायक प्रबंधक(सचिवीय/राजभाषा) एवं श्रीमती तूलिका बिश्वास, सहायक प्रबंधक(राजभाषा),एमसीएल के कुशल संयोजन व संचालन में बैठक सम्पन्न हुई। सुश्री मूनमून अग्रवाल, अनुवादक(राजभाषा) द्वारा आभार व्यक्त करने के साथ ही बैठक की कार्रवाई समाप्त हुई।