महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में विश्व हिंदी दिवस-सह-राजभाषा सेमिनार सम्पन्न
10.01.2020,सम्बलपुर : दिनांक 10.01.2020 को महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में विश्व हिंदी दिवस का पालन किया गया। इस अवसर पर श्री बी.एन. शुक्ला,अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक,एमसीएल की अध्यक्षता में एक-दिवसीय राजभाषा सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री ओ.पी. सिंह, निदेशक (तकनीकी/ संचालन) एवं श्री केशव राव, निदेशक(कार्मिक) तथा आमंत्रित अतिथि वक्ता डॉ॰ संजय कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, राजेन्द्र स्वशासी महाविद्यालय,बलांगीर उपस्थित हुए ।अध्यक्ष महोदय ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में हिंदी भाषा में निहित विशेषताओं, इसकी महत्ता एवं आज के दौर में हिंदी की प्रयोजनमूलकता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस क्रम में उन्होंने कहा कि -- भाषा भावों एवं विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम तथा संस्कृति का द्योतक है। हिंदी भाषा में अलंकार, अनुप्रास,विभिन्न प्रकार के रस,छन्द आदि समाहित हैं इससे हिंदी की गहराई में आनंद ही आनंद है। जिस भाषा में भावों एवं विचारों की जितने कारगर ढंग से अभिव्यक्त करने की क्षमता होती है वह उतनी ही उच्च कोटि की भाषा मानी जाती है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हिंदी अपने आप परिपूर्ण भाषा है। हिंदी में हम जितने कारगर ढंग से भावों को व्यक्त कर पाते हैं, अंग्रेजी में संभव नहीं है। आगे उन्होंने देश की एकता एवं अखंड़ता के लिए हिंदी भाषा की आवश्यकता पर बड़े ही सुंदर शब्दों में व्याख्या प्रस्तुत की। इस संदर्भ में उन्होंने सन 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में ‘शून्य’ पर दिए गए अभूतपूर्व एवं अविस्मरणीय व्याख्यान की विवेचना की। इसी प्रकार मलिक मोहम्मद जायसी के काव्यों की भाव-भंगिमा एवं महत्ता का जिक्र किया गया। आगे उन्होंने कहा कि भाषाओं का परस्पर सम्मान ही मानव जीवन का आधार है।जैसे-जैसे वैश्वीकरण बढ़ेगा, हिंदी विश्व भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त करेगी। हिंदी भाषा के कारण विदेशों में भारतीयों एवं भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमें अपनी भाषा पर गर्व है, जो स्वत: विकास के पथ पर अग्रसर है।निदेशक(तकनीकी/संचलन) श्री ओ.पी.सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी में देश को एक सूत्र में बांधने की क्षमता है। हिंदी सरल,मधुर एवं वैज्ञानिक भाषा है। हिंदी विश्व के पॉंच प्रमुख भाषाओं में से एक है। तकनीकी क्षेत्र में भी हिंदी की काफी प्रगति हुई है। हमें कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।निदेशक(कार्मिक) श्री केशव राव ने अपने संबोधन में हिंदी के महत्व की विवेचना करते हुए कहा कि आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि देश/विदेश में हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना अधिक से अधिक योगदान दें। उन्होंने ओडि़शा जैसे हिंदीतर भाषी प्रदेश में हिंदी के प्रति लोगों में इतनी अभिरूचि व आत्मीय लगाव को देखकर अपनी खुशी जाहिर की।अतिथि वक्ता डॉ. संजय कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में विश्व स्तर पर हिंदी की अवश्यकता एवं मूल्यों बारे में विस्तृत रूप से आलोकपात किया। विदेशों में बढ़ रही हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न विश्व हिंदी सम्मेलनों के गतिवधियों की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न हिंदी पत्रिकाओं में देश के विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृतियों का समावेश हिंदीतर भाषाओं में लिखी गई कविता,कहानियों के अनुवाद से किया जा सकता है। इससे जहॉं भारतीय संस्कृतियों की जानकारी मिलेगी दूसरी ओर आर्थिक लाभ भी मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी के विकास यात्रा की बड़ी ही सुंदर अभिव्यंजना की। हर भारतीय का मानसिक झुकाव अपनी हिंदी की ओर होना चाहिए ताकि हम विश्व हिंदी दिवस के उद्देश्य की प्राप्ति में कामयाब हो सके।कार्यक्रम में श्री ए.के. सिंह,महाप्रबंधक(मानव संसाधन विकास), एमसीएल मुख्यालय एवं क्षेत्रों के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय मुख्य नामित राजभाषा अधिकारीगण/नामित राजभाषा अधिकारीगण उपस्थित हुए।अतिथियों द्वारा मंगलदीप प्रज्जवलन के साथ सेमिनार प्रारंभ हुआ। श्री ए.के. सिंह,महाप्रबंधक(मानव संसाधन विकास), एमसीएल द्वारा अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया तथा अध्यक्ष महोदय द्वारा मुख्य वक्ता को पुष्पगुच्छ, शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की व्यवस्था एवं सफल संचालन श्री बी.आर.साहु कलिहारी,उप प्रबंधक(सचिवीय/राजभाषा),श्रीमती तूलिका बिश्वास,सहायक प्रबंधक(राजभाषा) एवं राजभाषा टीम द्वारा किया गया। श्रीमती बिश्वास ने आमंत्रित अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।