एमसीएल के निदेशक(वित्त) श्री के. आर. वासुदेवन का जीवन-वृत्त
दिनांक 04.02.2018 को श्री के. आर. वासुदेवन ने कोल इंडिया लिमिटेड की एक अग्रणी सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड(एमसीएल) के निदेशक(वित्त) का प्रभार ग्रहण किया।
उनका जन्म 17 जुलाई,1962 को चेन्रई में हुआ। उन्होंने वाणिज्य स्नातक(ऑनर्स) में प्रथम श्रेणी की डिग्री रेवेन्शॉ कॉलेज,कटक से प्राप्त की एवं वर्ष 1989 में इंस्टीच्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउन्ट्स ऑफ इंडिया से व्य्वसायिक डिग्री प्राप्त की तथा उत्कल विश्वविद्यालय से एलएलबी उत्तीर्ण किया।
उन्हें राज्य सरकार(ओडि़शा स्टेट इलेक्ट्रिक बोर्ड),सार्वजनिक उपक्रम(कोल इंडिया लिमिटेड) और निजी क्षेत्र(पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में तीन दशकों से भी अधिक अवधि का गहरा अनुभव प्राप्त् है। यहॉं उल्लेखनीय है कि उनके अनुभवों में राष्ट्रीय आर्थिक महत्व के तीन प्रमुख उद्योगों यथा-बिजली,कोयला एवं उर्वरक शामिल हैं।
उन्होंने फरवरी,1982 से अक्टूबर,1987 तक ओडि़शा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड(वर्तमान में नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन के अधीन) के तालचेर थर्मल पावर डिवीजन/तालचेर इलेक्ट्रिसिटी डिवीजन में राजस्व लेखा,लागत और बजट,एमआईएस व लेखा निपटान/अंतिमीकरण के क्षेत्र में कार्य किया है। उन्होंने ओएसईबी और एसईसीएल के मध्य लंबे समय से लंबित विवादों का समाधान करने में उल्ले्खनीय भूमिका निभाई। उन्होंने सेंटर इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी द्वारा अनुशंसित ओएसईबी की नई लेखा प्रक्रिया पर एफ फर्ग्यूनसन कंपनी में ऑन द जॉब ट्रेनिंग प्राप्त किया है।
उन्होंने अक्टूबर,1987 से जुलाई,2008 तक साउथ ईस्टईर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एसईसीएल) और महानदी कोलफील्ड्सड लिमिटेड(एमसीएल) के विभिन्न क्षेत्रों(परियेाजनाओं और कार्पोरेट ऑफिस) में कॉस्टिंग,ट्रेजरी व लेखा-निपटान/अंतिमीकरण का कार्य संपन्न किया। उन्होंने पीस-रेटेड मजदूरी के कंप्यूरटरीकरण व महानदी कोलफील्ड्सप लिमिटेड में ई-पेमेंट की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्पोरेट के ट्रेजरी प्रमुख के रुप में अधिशेष धन के निवेश का दायित्वे उन्हें सौंपा गया था।
जुलाई,2008 में पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड(पीपीएल) में उन्होंने पदभार ग्रहण किया। एमसीएल में पदभार ग्रहण करने के पूर्व वे पीपीएल में संयंत्र में विभाग प्रमुख(वित्त) तथा संयुक्त महाप्रबंधक(आंतरिक लेखा परीक्षा) के पद पर कार्यरत थे जहॉं उन्होंभने एसएपी कार्यान्व्यन के पश्चा्त विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति, कैपेक्सन-मॉनिटरिंग,संविदा-प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। संयुक्त महाप्रबंधक(आंतरिक लेखा परीक्षा) के रूप में उद्योग जोखिम-प्रबंधन के कार्यान्यन में वे सक्रिय रूप से शामिल थे।