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सीएमपीडीआई को कोल इण्डिया से अलग नहीं किया जाएगा

सम्‍बलपुर, 23.9.2020 : सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि सीएमपीडीआई कोयला कंपनी का अभिन्न हिस्सा है और इसे उससे अलग नहीं किया जाएगा।

सीआईएल ने एक बयान में कहा कि सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) कोल इंडिया की कोयला उत्पादक इकाइयों के लिये योजना और दिशानिर्देश तैयार करने का काम करती है। इसकी 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका होगी। कंपनी ने कहा, ‘‘सीएमपीडीआई कोल इंडिया का अभिन्न हिस्सा है और इसे कंपनी से अलग होने नहीं दिया जाएगा।’’

कंपनी की परामर्श इकाई सीएमपीडीआई ने 2019-20 में 7.8 अरब टन कोयला संसाधन को जोड़ा था। यह सीएमपीडीआई के गठन के बाद सर्वाधिक है। कुल 25 भूगर्भीय रिपोर्ट की तैयारी के जरिये 292 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत खोज के बाद यह संभव हो पाया था। इसके अलावा, प्रमोशनल (क्षेत्रीय) अन्वेषण के माध्यम से लगभग 9.75 बिलियन टन नए संसाधनों का अनुमान लगाया गया, 6 भूवैज्ञानिक रिपोर्टों के माध्यम से लगभग 140 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर किया गया। सीएमपीडीआई ने विस्तृत अन्वेषण के तहत 12.94 लाख मीटर की ड्रिलिंग और 2019-2020 के दौरान प्रोमोशनल (क्षेत्रीय) अन्वेषण के तहत 1.16 लाख मीटर की ड्रिलिंग की है। इसके अतिरिक्त, कंसल्टेंसी कंपनी द्वारा 2019-20 में 32 प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई, जिसकी क्षमता लगभग 178 मिलियन टन प्रति वर्ष है। सीएमपीडीआई ने 35 संख्‍यक तकनीकी परामर्श प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोयला के अलावा सीएमपीडीआई कोल इंडिया की पर्यावरण अनुकूल मशीनकृत तरीके से कोयले के रखरखाव और उसके गंतव्य तक भेजने की ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं में तकनीकी परामर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

सीएमपीडीआई कोल इंडिया का पूर्ण अनुषंगी इकाई है और इसका मुख्यालय झारखंड की राजधानी रांची में है। आसनसोल, धनबाद, रांची, नागपुर, बिलासपुर, सिंगरोली और भुवनेश्वर में सात स्‍थानों में कोल इण्डिया की स्‍ट्राटाजेकल आचंलिक संस्थान हैं। यह सब कोल इण्डिया की सहायक कोयला उत्पादक कंपनियों में से है । इसके व्यावसायिक कार्यों में खनिज उत्खनन, खान नियोजन एवं डिजाइन, अवसंरचना इंजीनियरिंग, पर्यावरण प्रबंधन, कोयला तैयारी, अनुसंधान और विकास खनन और प्रबंधन प्रणाली, विशेषकर खनिज, खनन और संबद्ध क्षेत्रों के लिए एक छत के नीचे परामर्श और समर्थन कोयला उद्योग और देश शामिल है ।

राष्ट्रीय स्तर पर कोयला क्षेत्र से संबंधित रणनीतिक निर्णयों के लिए सीएमपीडीआई कोयला मंत्रालय और योजना आयोग की सहायता भी करता है। यह भारत सरकार की ओर से एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करते हुए कोयला जमा, कोयला खनन क्षमता, संचालन आदि के अविष्कारों को भी बनाए रखता है, सीएमपीडीआई गैर-सीआईएल ब्लॉकों में अन्वेषण का काम करता है, MoC और R & D के वित्तपोषण के लिए एस एंड डी गतिविधियों के तहत अनुसंधान और विकास गतिविधियों की निगरानी करता है। कोल इण्डिया द्वारा इसमें मुख्यालय रांची में स्थापित सीबीएम क्लियरिंग हाउस स्‍थापित की गई है और यूएसए और यूएसआईएल के यूएसईपीए द्वारा वित्त पोषित है । यह तकनीकी और परिचालन मामलों पर MoC, CIL और CIL की कोयला उत्पादक कंपनियों के बीच संपर्क स्थापित करता है।

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वेबसाईट अंतिम अद्यतन : September 23 2020 17:48:42.
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