एमसीएल में विश्व हिंदी दिवस-सह-राजभाषा सेमिनार सम्पन्न
बुर्ला,11 जनवरी,2017 : दिनांक 10.01.2017 को महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर राजभाषा सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री एल.एन. मिश्रा, निदेशक(कार्मिक), एमसीएल ने की। इस अवसर पर निदेशक तकनीकी(परियोजना/योजना) श्री ओ.पी. सिंह, सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इनके अलावा प्रोफेसर के.पी. गुप्ता,पूर्व विभागाध्यक्ष(हिंदी),जी.एम. कालेज, संबलपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, बतौर अतिथि वक्ता डॉ. वेदुला रामालक्ष्मी, विभागाध्यक्ष (हिंदी),महिला महाविद्यालय, झारसुगुड़ा एवं डॉ. हरिश्चंद्र शर्मा,हिंदी प्राध्यापक, हिंदी शिक्षण योजना,गृह मंत्रालय,भारत सरकार तथा मुख्यालय एवं क्षेत्रों के महाप्रबंधक,विभागाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय मुख्य नामित राजभाषा अधिकारीगण/नामित राजभाषा अधिकारीगण कार्यक्रम में उपस्थित हुए। मंगलदीप प्रज्जवलन के साथ सेमिनार प्रारंभ हुआ। श्री बी.सी.त्रिपाठी, महाप्रबंधक(प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा/मासंवि), एमसीएल द्वारा अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया एवं विश्व हिंदी दिवस एवं वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के संबंध में अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। अध्यक्ष महोदय द्वारा अतिथियों को शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया। अध्यक्ष महोदय ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में हिंदी की महत्ता एवं आज के दौर में इसकी प्रयोजनमूलकता पर प्रकाश डाला। इस क्रम में उन्होंने कहा कि हिंदी किसी के सहारे की मोहताज नहीं है वरन देश एवं विदेशों में लोग अपनी आवश्यकतावश इसे अपनाने को बाध्य हो रहे हैं। हम अंग्रेजी या अन्य भाषा सीखनी चाहिए परंतु स्वयं एवं अपने बच्चों को भी अपनी भाषा एवं संस्कृति से अवश्य जोड़े रखना चाहिए।वैश्वीकरण के दौर में हिंदी का विकास तीव्र गति से हो रहा है। जैसे-जैसे वैश्वीकरण बढ़ेगी हिंदी विश्व भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त करेगी। हिंदी भाषा के कारण विदेशों में भारतीयों की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमें अपनी भाषा पर गर्व है, जो स्वत: विकास के पथ पर अग्रसर है। सम्मानित अतिथि श्री ओ.पी.सिंह,निदेशक(तकनीकी/योजना व परियोजना) ने राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के बढ़ते चरण को दृष्टिगत करते हुए कहा कि आजकल दक्षिण भारत में भी हिंदी का विकास बड़ी तेजी से हो रहा है। हिंदी मन के भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करनेवाली सर्वोत्तम भाषा है। हिंदी आज विश्व की दूसरी सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली एवं समझी जानेवाली भाषा है। अत: इसे विश्व भाषा के रूप में स्थापित करने हेतु हर भारतीय को अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी पर गर्व होनी चाहिए एवं इसे बेझिझक अपनाना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. रामालक्ष्मी ने कहा कि हिंदी, विश्व में बोले जाने वाली दूसरी सबसे बडी भाषा है फलस्वरूप हिंदी विश्व भाषा बनने जा रही है। हमारे देश में भी अनेक भाषा –भाषी लोग हैं फिर भी हिंदी देश के हर लोगों के लिए एकमात्र संपर्क की भाषा है। उन्होंने विदेशों का उदाहरण देते हुए इस बात की पुष्टि की कि अमेरिका की तरह भारत में भी विभिन्न भाषाओं के रहते हुए भी हम राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का सहारा लेने को बाध्य हैं। हिंदी भाषा रोजगारमूलक है अत: हमें हिंदी भाषा की शिक्षा अवश्य लेनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि प्रो. गुप्ता द्वारा रचित पुस्तक ‘सीधी कविताएं’ का विमोचन अध्यक्ष महोदय के कर-कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो. गुप्ता ने राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा हिंदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के तहत विदेशी रचनाकार मैक्समूलर का जिक्र किया। आगे उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है जहॉं भाषा का दिवस मनाया जाता है।ऐसे आयोजनों से राष्ट्रभाषा एवं राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सहयोग मिलेगा। हम सभी को हिंदी की अहमियत को समझना चाहिए तभी तो इसे विश्व भाषा बनाने का हमारा दावा और अधिक मजबूत होगा। अंत में उन्होंने स्वरचित हिंदी रुवाइयां भी प्रस्तुत की। डॉ. हरिश्चंद्र शर्मा, हिंदी प्राध्यापक ने भी हिंदी को विभिन्न क्षेत्रों की भाषा के रूप में तथा भावी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनने के गुणों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अध्यक्ष महोदय के करकमलों से एमसीएल के विभिन्न क्षेत्रों एवं मुख्यालय के विभागों में भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुपालन के लिए ‘’महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड राजभाषा कार्यान्वयन पुरस्कार’’ भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन श्री मुक्तेश्वर सोनकुसरे,अनुवादक ने किया एवं श्री बी. आर. साहू कलिहारी,सहायक प्रबंधक(सचिवीय/राजभाषा) ने आमंत्रित अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।